पीएम मोदी 2 मई 2022 को इस साल की अपनी पहली विदेश यात्रा पर रवाना हुए थे। जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की अपनी यात्रा में वो पहले जर्मनी गए। उनका पहला पड़ाव जर्मनी के बर्लिन में रहा। सब जानते हैं कि जब पीएम विदेशी दौरों पर जाते हैं तो प्रवासी भारतीयों से भी मिलते हैं। इस बार भी ऐसा हुआ। पीएम वहां रह रहे प्रवासी भारतीयों से भी मिले। इस दौरान एक 7 साल के बच्चे ने पीएम मोदी को देशभक्ति की एक कविता भी सुनाई। पीएम मोदी ने भी चुटकी बजाकर उस बच्चे का उत्साहवर्धन किया। उसकी प्रशंसा की। बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वॉलीबुड सुपरस्टार अक्षय कुमार ने भी उस वीडियो को शेयर किया। उनकी पोस्ट पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं।
लेकन असली बवाल होना तो अभी बाकी था। कॉमेडियन कुनाल कामरा ने बच्चे के वीडियो को कथित तौर पर ए़़डिट कर शेयर कर दिया। एडिटेड वीडियो में बच्चे की कविता की जगह 2010 में आई एक फिल्म 'पीपली लाइव' का एक गाना, 'महंगाई डायन खाय जात है' लगा दिया। जाहिर है कि इस पर विवाद पैदा हो गया। बच्चे के पिता को भी गुस्सा आ गया। उन्होंने कुनाल कामरा को लताड़ लगाते हुए एक ट्वीट किया। एक प्राइवेट न्यूज चैनल पर बात करते हुए बच्चे के पिता गनेश पोल ने सवाल पूछा कि आखिर उसने किससे पूछकर वीडियो में छेड़छाड़ की अर्थात वीडियो को एडिट किया। गनेश पोल ने पूछा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि ये कॉमेडी है। लेकिन क्या उन्हें नहीं पता कि बच्चों के साथ कॉमेडी नहीं की जा सकती। गनेश पोल ने आगे कहा कि वो कामरा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रहे हैं।
कुनाल कामरा ने बच्चे के पिता को सफाई देते हुए ट्वीट किया कि जोक उनके बेटे के लिए नहीं था!
अपने बचाव में कुनाल ने पीएम मोदी को दोषी ठहरा दिया! एक ट्वीट का जवाब देते हुए कुनाल ने लिखा कि बच्चों से अपने लिए गाने के लिए मोदी जी की सोचना चाहिए। पढ़िए कुनाल कामरा ने क्या लिखा;
हालाँकि कुनाल कामरा की कोई भी दलील उनके काम नहीं आई। सोशल मीडिया पर कुनाल कामरा की जमकर आलोचना होने हो रही है। अब यह मसला राष्ट्रीय सुर्खियां बटोर रहा है। हालाँकि अब उस वीडियो को हटा लिया गया गया है। लेकिन बवाल है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा। इस पूरे प्रकरण में कुनाल कामरा की बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं। वो लगातार ट्वीट के जरिए अपनी सफाई पेश कर रहे हैं लेकिन वो और भी ज्यादा फँसते नजर आ रहे हैं। बाल अथिकार संरक्षण आयोग भी इस मामले में कूद पड़ा है। पेश है इस मामले पर सोशल मीडिया पर आई कुछ प्रतिक्रयाएं;-
बाल अथिकार संरक्षण आयोग भी इस मामले में कूद पड़ा है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पुलिस और ट्वीटर से से कुनाल के खिलाफ एक्शन लेने के लिए लिखा है। अपने पत्र में NCPCR ने लिखा है कि अपने राजनीतिक विचारों को आगे बढ़ाने के लिए किसी नाबालिग का इस्तेमाल जुवेलाइन जस्टिस एक्ट के खिलाफ है।
देखा जाए तो पूरा मामला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। रूस- युक्रेन युद्ध के बीच हुए पीएम मोदी के 2022 के पहले विदेश दौरे की चर्चा उनके दौरे की उपलब्धियों पर होनी चाहिए थी। एक सात साल के मासूम बच्चे का अपनी कविता के लिए पीएम से प्रोत्साहन पाना उसके जीवन के अनमोल क्षणों में से एक होना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा बवाल हुआ । अनावश्यक विवाद हुआ। कुनाल कामरा चाहे कितनी भी सफाई दें। उनके कृत्य की सराहना तो कतई नहीं की जा सकती। अपने राजनीतिक मतभिन्नता के चलते कुनाल ने कीचड़ उछाला है उसके छींटों से कुनाल का दामन दागदार ही हुआ है। आज अगर वो सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं तो उसके जिम्मेदार वो खुद हैं। आज हर टीवी चैनल पर अगर इस विवाद की चर्चा हो रही है तो इसके पूरी जिम्मेदारी कुनाल कामरा की है। अगर उन्हें अपनी बात रखनी ही थी तो कोई दूसरा तरीका अपना सकते थे।
उम्मीद करें कि कुनाल को अपनी ग़लती को अहसास होगा। अगर वो बच्चे के पिता से माफ़ी माँग ले तो शायद कुछ बात बन जाए। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वो माफी मांगेगें। फिलहाल तो ऐसा नहीं लगता। अब यह मामला कितना आगे बढ़ता है यह देखना दिलचस्प रहेगा।
सभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।