संविधान क्या है ?
प्रसिद्ध संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने अपनी पुस्तक 'हमारा संविधान' में लिखा है कि:-
"किसी देश का संविधान उसकी राजनीतिक व्यवस्था का वह बुनियादी सांचा-ढांचा निर्धारित करता है जिसके अंतर्गत उसकी जनता शासित होती है। यह राज्य की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जैसे प्रमुख अंगों की स्थापना करता है, उनकी शक्तियों की व्याख्या करता है, उनके दायित्वों का सीमांकन करता है और उनके पारस्परिक तथा जनता के साथ संबंधों का विनियमन करता है।"
"संविधान महज एक जड़ दस्तावेज नहीं होता बल्कि सक्रिय संस्थानों का एक सजीव समूह या स्वरूप होता है। यह निरंतर पनपता रहता है, पल्लवित होता रहता है। संविधान उसके संस्थापकों तथा निर्माताओं के आदर्शों, सपनों तथा मूल्यों का दर्पण होता है।"
- सुभाष कश्यप, संविधान विशेषज्ञ
भारतीय संविधान कई मायनों में बेहद खास है। विश्व के तमाम देशों के संविधानों के महत्वपूर्ण तत्वों को हमारे संविधान में लिया गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो भारत के संविधान के अनेक स्रोत हैं। इसलिए यह देशी भी है और विदेशी भी। भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसे 2 साल 11 माह और 18 दिनों में एक संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था। मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियाँ और 22 भाग थे। वर्तमान में हमारे संविधान में 12 अनुसूचियाँ हो गई हैं। समय-समय पर हुए संविधान संशोधनों के परिणामस्वरूप कुछ अनुच्छेद संविधान से निकाल दिए गए हैं। तो वहीं कुछ अनुच्छेदों के साथ क, ख, ग आदि के रूप में नए अनुच्छेद जोड़े गए हैं। ध्यान रहे कि संविधान के भागों और अनुच्छेदों की मूल संख्या में परिवर्तन नहीं किया गया है। हालाँकि गणना की दृष्टि से देखे तो संविधान के अनुच्छेदों की संख्या 450 से भी ज्यादा हो चुकी है।
भारत के संविधान निर्माण की प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है। संविधान पर आगे बढ़ने से पहले इसकी निर्माण प्रक्रिया को जानना भी जरूरी है। लिहाजा अगले अध्याय में इस पर चर्चा की जाएगी। साथ ही अंग्रेजों के काल में शासन कैसे चलता था उस पर भी संक्षेप में बात रखी जाएगी।
धन्यवाद
अत्यंत उपयोगी सूचना।
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