'बजट कितना भी अच्छा हो। विपक्ष हमेशा उसकी आलोचना ही करेगा। उसे बजट में कभी कोई अच्छाई नज़र नहीं आएगी। कभी-कभी ये भी होता है कि जो नेता आलोचना करते हैं उन्हें खुद ही नहीं पता होता है कि क्या वाकई में बजट ख़राब है अच्छा या कुछ बातें ख़राब है और कुछ अच्छी!'
अपने वादों से मुकरने के लिए मशहूर नेता लोग बेहद परंपरावादी भी होते हैं। परंपरानुसार सत्ता पक्ष के नेता, विपक्ष को तवज्जो नहीं देंगे, उन्हें बार-बार कस-कस कर ताने मारेंगे कि आपको तो जनता ने ठेंगा दिखा दिया है तो वहीं विपक्षी नेता भी सत्ता पक्ष की टांग खींचने का या तंज कसने कोई मौक़ा हाथ से जाने नहीं देते! सत्तापक्ष के हर काम की नुक्ताचीनी करना अपने जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं। अब ये कितना सही या ग़लत है इस विषय में जनता की अलग-अलग राय हो सकती है! लेकिन परंपरा यही है! इसे आप नेताओं का ‘परंपरावाद’ भी कह सकते हैं। नेताओं का ये ‘परांपरावाद’ उनके समर्थकों मे भी होता है। समर्थकों की प्रतिक्रिया भी परंपरानुसार ही होती हैं। परंपरा का कमाल देखिए! बजट कितना भी अच्छा हो। विपक्ष हमेशा उसकी आलोचना ही करेगा। उसे बजट में कभी कोई अच्छाई नज़र नहीं आएगी। कभी-कभी ये भी होता है कि जो नेता आलोचना करते हैं उन्हें खुद ही नहीं पता होता है कि क्या वाकई में बजट ख़राब है अच्छा या कुछ बातें ख़राब है और कुछ अच्छी! हां उसे परंपरा की याद रहती है कि उसे बजट की तारीफ़ किसी कीमत पर नहीं करनी है। इस अनकही परंपरा के नाते वो कई बार अपने सामान्य ज्ञान पर ख़ुद ही प्रश्न चिन्ह लगा लेता है! वहीं सत्ता पक्ष और उनके समर्थकों को भले ही बजट कुछ समझ न आया हो लेकिन वो उसकी तारीफ़ जरूर करेंगे और साथ ही प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री का हृदय का आभार व्यक्त करेंगे।
सांकेतिक चित्र |
'हालांकि कुछ सयाने नेता शब्दों के बाजीगर होते हैं! वो जनता से ही नहीं, शब्दों से भी खेलते हैं। कुछ नेता बजट पर ऐसे प्रतिक्रिया देंगे कि आप अगले साल तक ये नहीं समझ पाओगे कि उसने बजट की तारीफ की थी या आलोचना!'
सभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।