सांकेतिक चित्र |
बचपन से निकलकर जवानी की दहलीज पर कदम रखने से पहले ही हिंदुस्तानी युवाओं को चाहे किसी बात का पता चले या न चले लेकिन इस बात का अहसास अच्छी तरह हो जाता है कि दुनिया मोहब्बत की दुश्मन होती है। इस अहम जानकारी में मुख्य योगदान उनकी परवरिश और हिंदी फिल्मों का होता है। युवा पीढ़ी फिल्मों की दीवानी होती है। फिल्मों में दिखाया जाता है कि पहले तो नायक-नायिका एक दूसरे के प्यार करने लगते हैं। कुछ समय दोनों का प्यार परवान चढ़ता है और इसके बाद होती है खलनायक यानि विलेन की एंट्री। कभी-कभी विलेन लड़की के परिजन मसलन उसके पिता या भाई या फिर दोनों ही होते हैं। कभी कोई बाहर वाला विलेन बन जाता है। विलेन नायिका-नायिका के मिलन में हरसंभव रुकावट डालता है। ज्यादातर फिल्मों में नायक-नायिका तमाम मुश्किलों से गुजरते हुए फिल्म के अंत में एक हो जाते हैं। उनका प्यार जीत जाता है और खलनायक की हार होती है। जाहिर है ऐसी फिल्में युवाओं को बहुत पसंद आती हैं। लेकिन बहुत सी ऐसी फिल्में भी हैं जिनमें प्यार के दुश्मनों की वजह से नायक-नायिका का मिलन नहीं हो पाता। कभी-कभी तो यहाँ तक दिखाया जाता है कि पिछले जन्म में दोनों प्रेमी थे। मोहब्बत के दुश्मनों में उनकी अलग कर दिया था। इसलिए इस जन्म में फिर से मिले हैं।
कुलमिलाकर फिल्मों से युवाओं को इतना तो पता चला जाता है कि इश्क की राह बहुत कंटीली होती है जिस पर बेशुमार काँटे होते हैं। लिहाजा किसी के लिए दिल धड़कने भी लगे तो सबसे पहले समझ ये बनती है कि किसी को इसकी भनक न लग जाए वरना प्यार के इस पहले अंकुर को बड़ी बेरहमी से कुचला जाएगा। लेकिन कहते हैं न कि इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते। इसलिए जब प्यार का रंग और गाढ़ा होने लगता है तो फिर डर भागने लगता है! ज्यों- ज्यों डर खत्म होता होता है बात खुलती जाती है और फिर बारी आती है मोहब्बत के अंज़ाम की! जो कभी-कभी बहुत ही भयानक होता है। इतना भयानक की देखने वाले की रुह काँप जाए। सुनने वाले के रौंगटे खड़े हो जाए। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है अंजाम चाहे जो हो! प्यार करने वाले कभी डरते नहीं! मोहब्बत की कीमत कितनी भी क्यों न हो! मोहब्बत करने वाले चुका ही देते हैं! मैं यहाँ जिन दो सच्ची प्रेम कहानियों को संक्षेप में बताऩे जा रहा हूँ उनमें प्रेम करने वालों ने अपनी जान देकर प्यार का मोल चुकाया है।
अगस्त2012 में में एक टीवी न्यूज चैनल में बतौर पत्रकार कार्यरत था। 22 अगस्त को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के थाना सिखेड़ा के एक गाँव से खबर मिली कि किसी ने एक लड़की की गर्दन काटकर हत्या कर दी है। हत्याकांड को इतने बुरे तरीके से अंज़ाम दिया गया है कि सिर को धड़ से अलग कर दिया गया है और लड़की का सिर उसके धड़ के पास नहीं है। फौरन इस मामले में ज्यादा जानकारी जुटाने का प्रयास किया तो पता चला कि घर के मान-सम्मान के नाम पर एक युवक ने अपनी ही बहन की गर्दन काट दी थी। इतना ही नहीं आरोपित अपनी बहन के कटे हुए सिर को उसके प्रेमी के घर फेंक आया था। दिन दहाड़े हुए इस हत्याकांड पूरा गाँव दहशत में आ गया। हत्या करने के बाद भाई तो उस वक्त फरार हो गया था। लेकिन पुलिस ने ज्यादा जानकारी के लिए मृतका के प्रेमी को हिरासत ले लिया था। पता चला कि आरोपित ने अपनी बहन को कई बार समझाया कि वो अपने प्रेमी से मिलना छोड़ दे नहीं तो वो दोनों का जान से मार देगा। लंबे समय तक समझाने- डराने पर भी जब उसकी बहन ने प्रेम डगर पर बढ़ते जा रहे अपने पाँवों को रोकने से इंकार कर दिया तो एक दिन गुस्से में उसने बहन की गर्दन काटकर उसके प्रेमी के घर फेंक आया था। वैसे पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में मान-सम्मान या ऑनर किलिंग के नाम पर होने वाली यह कोई पहली हत्या नहीं थी। इससे पहले भी इतने मामले सामने आ चुके थे कि लोग पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रेमियों की कब्रगाह कहने लगे थे। फेमस नीतीश कटारा हत्याकाडं भी ऑनर -किलिंग का ही था। बावजूद इसके प्रेम प्रसंग के मामले जरा भी कम न हुए। कभी होंगे भी नहीं क्योंकि प्रेम करने कहाँ किसी से डरते हैं!
सांकेतिक चित्र |
4 मई को हैदराबाद में एक हिंदू दलित युवक नागाराजू को चाकुओं से गोदकर मार डाला गया। नागाराजु का जुर्म बस इतना था कि वो एक मुस्लिम लड़की, आशरीन सुल्ताना से प्यार करता था। आशरीन भी उसे प्यार करती थी। दोनों के धर्म अलग-अलग थे लिहाजा दोनों के ही घरवाले उनके रिश्ते से खुश नहीं थे। इस बात की तनिक भी परवाह न करते हुए एक दिन दोनों ने शादी कर ली थी। इससे आशरीन का भाई बौखला गया। उसने नागराजू की हत्या का प्लान बना लिया। और एक दिन जब नागराजू, सुल्ताना के साथ अपनी बाइक पर कहीं जा रहा था उसके भाई कुछ लोगों के साथ मिलकर नागाराजू की रॉड मारकर और फिर चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी। हत्या के वक्त आशरीन ने अपने भाई से अपने पति की जान की भीख माँगी! वो रोती रही! गिड़गिड़ाती रही। नागाराजू ने भी बचने का प्रयास किया। आरोपितों से उसे न मारने की गुहार लगाता रहा। लेकिन नफ़रत की आग में झुलस रहे आशरीन के भाई ने एक न सुनी। उसके सिर पर खून सवार था। लोग भी तमाशबीन बने रहे मगर आगे बढ़कर नागाराजू को बचाने का प्रयास नहीं किया। एक निजी टीवी न्यूज चैनल से बात करते हुए आशरीन ने कहा, " मेरे दिल को इतनी तकलीफ हो रही सर जैसे वो मेरे हजबैंड को मार रहे हैं मैं उनको मार दूँ सेम वैसी ही..जो मेरे हजबैंड को जो तकलीफ हुई उनकी साँस जाते वक्त मुझे उतना...वो ही सब मेरे दिल में बस उतना ही..सर ये हिंदू-मुस्लिम कुछ भी नहीं सर! सब इंसान ही हैं अब मेरे भाई तो मुस्लिम हैं सर ..मुस्लिम रह कर भी इतने बुरे तरीके से मारा उन्हें...तो उसमें हिंदू-मुस्लिम ऐसा कुछ भी नहीं रहता सर इंसानियत रह रह के।" दु:ख की बात यह भी है कि नागराजू अपने प्यार के लिए मुस्लिम बनने को भी तैयार था। वहीं आशरीन सुल्ताना ने अपने भाई से कहा था उसे तलाक देकर उसका भाई जहाँ कहे वहीं शादी करने को तैयार है। लेकिन आशऱीन का भाई फिर भी नहीं माना और मोहब्बत का क़त्ल करके ही दम लिया।
अहम बात यह है कि मोहब्बत के क़त्ल की ये कहानी आख़िरी नहीं होगी। ये सिलसिला पहले से चलता आ रहा है। और ये ऐसे ही चलता रहेगा। अभी नागराजू को मारा गया है। कल कोई और होगा। क्या यह मानना गलत है कि बड़ी लंबी है मोहब्बत के दुश्मनों की उम्र! लेकिन ये बदकिस्मत भी होते हैं। इन्हें जीत नहीं मिलती। जीतती हमेशा मोहब्बत ही है। आशरीन का प्यार नहीं रहा तो क्या उसका भाई भी तो हार गया। उसने नागराजू को मारा जरूर लेकिन आशरीन के दिल में नागराजू के प्यार को नहीं खत्म कर सका। आशरीन को डरा नहीं सका! एक गाने के बोल याद हैं न.. 'जो डरते हैं वो प्यार करते नहीं'! निडर आशरीन ने साबित कर दिया कि उसने प्यार किया है! आज आशरीन अपने भाई और बाकी गुनहगारों को उनके किए की सजा दिलाना चाहती है। उसकी लड़ाई कितनी लंबी होगी यह देखना बाकी है। जंग अभी जारी है.....! लेकिन एक बार फिर ये तो साबित हो गया कि प्यार करने वाले कभी डरते नहीं!
-वीरेंद्र सिंह
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 11 मई 2022 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्
आपका बहुत-बहुत आभार आदरणीय पम्मी जी। सादर।
Deleteसभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।