दिल्ली पर टूटा कोरोना का कहर
दिल्ली में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। 20 नवंबर 2020 को
देर रात जारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में कोरोना से अब तक 8 हजार 159 लोग दम
तोड़ चुके हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान करीब 118 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे
हैं। वहीं 6608 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। ये आंकड़े सरकारी हैं। यानी इस
संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि संक्रमित और मरने वालों की वास्तविक संख्या
सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा होगी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में भी दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में हालात भयावह
हैं और कोरोना से मरने वालों की वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा
है। जाहिर है कि कम से कम इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि दिल्ली में कोरोना
ने कहर बरपा रखा है।
सांकेतिक चित्र |
कहां चूक गई दिल्ली?
सवाल उठता है कि जब पूरे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या धीरे-धीरे कम
हो रही थी तो दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेज गति से कैसे फैलता गया? तो इसका जवाब यह है कि दिल्ली में जरूर जानलेवा लापरवाही बरती गई है! सब जानते हैं कि मास्क का इस्तेमाल करना, समय-समय पर अपने हाथ साबुन से
धोते रहना और आपस में 2 गज दूरी बनाकर
रखना कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाने के लिए बहुत ज़रूरी है। लेकिन देखने
में आया है कि बड़ी संख्या में लोग इन बातों पर अमल नहीं कर रहे हैं! आम जन की बात और व्यवहार देखकर ऐसा कभी नहीं लगा कि वो कोरोना को लेकर
थोड़ा भी सचेत हैं।
वहीं दिल्ली सरकार भले ही कितने और कुछ भी दावे करे लेकिन इस सच्चाई से
मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि राज्य सरकार दिल्ली के लोगों से कोरोना गाइडलाइनों का
पालन कराने में असफल रही है। कोरोना संक्रमण की वास्तविक स्थिति को लेकर भी राज्य
सरकार खुद भी कहीं न कहीं मुगालते में रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों ने ऐतिहात
बरती होती और राज्य सरकार चौकस रही होती तो कोरोना संक्रमण इतना अनियंत्रित नहीं
होता। दिल्ली में एक वक्त ऐसा भी था जब कोरोना नियंत्रण में आता दिख रहा था लेकिन
राज्य सरकार कोरोना संक्रमण की कम रफ्तार को बरकरार नहीं रख पाय़ी।
दूसरे राज्यों पर असर
दिल्ली में कोरोना की तेज़ रफ्तार से दूसरे राज्य सहम गए हैं जिसके चलते हरियाणा
सरकार ने दिल्ली से गुरुग्राम आने वाले वाहन चालाकों का कोविड टेस्ट कराने का
फैसला किया है। महाराषट्र सरकार, दिल्ली और मुंबई के बीच हवाई यातायात और ट्रेन
सेवा रोकने पर विचार कर रही है।
अब क्या करें?
हर नागरिक को यह समझना चाहिए कि कोरोना संक्रंमण रोकने के लिए हमें मिलकर
प्रयास करने होंगे। हम अपनी ज़िम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते। केंद्र सरकार के
साथ ही राज्य सरकारों के प्रयास भी तभी सार्थक होंगे जब देश का हर नागरिक कोरोना
से लड़ाई में अपना योगदान दे। अच्छी बात यह है कि हमें ज़्यादा कुछ नहीं करना है।
बस जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक हमारे लिए मुंह पर मास्क लगाना, सोशल
डिस्टेंसिंग का पालन करना, समय-समय पर अपने हाथ साबुन से धोते रहना बहुत ज़रूरी
है। ऐसा देखा गया है कि कुछ लोग कोरोना को बहुत हल्के में ले रहे हैं और बेवजह घर
से बाहर घूमते रहते हैं। ऐसे लोगों को जागरुक करने के लिए नए सिरे से अभियान चलाना
होगा। अनावश्यक घर से बाहर निकलने की आदत पर कुछ समय तक लगाम लगानी होगी। खांसी-बुखार
के लक्षण दिखने पर फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
कोरोना संक्रमण पर कई तरह के शोध चल रहे हैं। रोज़ नई-नई जानकारी सामने आ
रही है। ऐसे में कोरोना से लड़ाई अब इतनी मुश्किल भी नहीं है जितनी इसके फैलने के
शुरूआत में थी। ज़रूरत है तो बस कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बनाई गई
गाइडलाइनों का सावधानी से पालन करने की और ऐसा आसानी से किया जा सकता है। अगर चूके
तो हालात और बदतर होंगे।
सार्थक लेखन, जनता को स्वयं ही सतर्क रहना होगा
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी। सादर।
Deleteसुन्दर लेख
ReplyDeleteधन्यवाद जोशी जी। सादर।
Deleteसादर नमस्कार,
ReplyDeleteआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 27-11-2020) को "लहरों के साथ रहे कोई ।" (चर्चा अंक- 3898) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।
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"मीना भारद्वाज"
धन्यवाद मीना जी। आपका आभार।
Deleteसार्थक लेख
ReplyDeleteसादर
आपका आभार। विनम्र निवेदन है आगे भी आती रहिएगा।
Deleteसार्थक और सटीक लेख
ReplyDeleteओंकार जी धन्यवाद। सादर।
Deleteसटिक प्रस्तुति।
ReplyDeleteज्योति जी आपका आभार। सादर।
ReplyDeleteसभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।