सारे देश की भैंसे आजकल टेंशन में हैं! महाराष्ट्र सरकार ने जहां गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है तो वहीं हरियाणा सरकार ने भी गोवंश संरक्षण और गो संवर्धन बिल पास कर दिया है। कम से कम इन राज्यों में ये फैसले गोवंश के लिए जीवनदान से कम नहीं है। लेकिन भैंसों के क़त्ल पर ये सरकारें मनमोहन सिंह की मुद्रा में हैं! बस इसी बात को लेकर भैंसें नाराज भी हैं और चिंतित भी! ऐसे में देशभर की भैंसों के टॉप लीड्रान ने अपने साथ हुए इस भेदभाव का पुरज़ोर विरोध करने के लिए घनघोर किस्म का आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है!
क्रोधित भैंस! |
भैंसों के टॉप लीड्रान ने ऑर्डर पास किया है कि देशभर की सभी भैंसे तत्काल दिल्ली प्रस्थान करें! लेकिन ये तो बीजेपी की राज्यों की सरकारों का मामला है? मामला है लेकिन इस दल के बड़े नेता तो दिल्ली में रहते हैं। उनको भी तो इनकी गलती का अहसास कराना है! फिर दिल्ली में मीडिया कवरेज ज्यादा मिलेगी! साथ ही दिल्ली की जनता को पते चले कि जो दूध वो पीते हैं उनमें हमारा दूध भी शामिल हैं। जब हम ज़िंदा ही नहीं रहेंगी तो किसका दूध पियोगे? हां, हरियाणा और महाराष्ट्र की भैंसे अपने लोकल लीड्रान के साथ क्रमश मुंबई और जयपुर में सड़क- तोड़, भैंसा दोड़, उछल कूद और केवल बीजेपी समर्थकों को सींग मार-मार कर घनघोर प्रदर्शन करेंगी! इस दौरान वो घास नहीं खाएंगी बल्कि दुकानों में से उनके मालिकों को मार भगा कर जो कुछ भी खाने को मिलेगा वही खाएंगी! सब्जी मंडियों में भी फुल मौज मस्ती की जा सकती है!
वहीं राष्ट्रीय स्तर के भैंस नेता युवा भैंसों के साथ मिलकर दिल्ली में उधम मचाएंगे! इस क्रम में वो सारी मर्यादाओं को ताक पर रखेंगे! ऐसा करना लाजमी है क्योंकि जीवन- मरण का सवाल है! जब दो राज्यों की गायों के मारने पर प्रतिबंध है तो इन राज्यों की भैंसों को भी वही अधिकार दो! भैंसों के साथ भेदभाव कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा! भैंसे किसी भी रास्ते से आ सकती हैं! दिल्ली में जिस स्थान पर भी 800-900 भैंसे एक साथ हो जाएँ तो वहीं रास्तों में पसर जाएं! लेकिन गोबर पार्कों में ही करेंगी! भैंसों के छोटे-छोटे- बच्चों को सड़क से लेकर गाड़ियों तक कहीं भी गोबर/पॉटी( भैंसों के छोटे कटरे-कटिया शुरु में पॉटी करते हैं) करने की छूट होगी! युवा भैंसों को उछल कूद करते हुए थोड़ी -बहुत हिंसा कर अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौक़ा है। कोई मंत्री-संत्री आता दिखे तो उसको सींग मारकर घायल करना होगा! कोई पुलिस वाला लाठी-डंडों से डराएं तो सारी भैंसे एक साथ होकर उन्हें ऐसे खदेड़ कर आएंगी कि वो सीधा अपने ऑफिस जाकर इस्तीफा दे दे या कम से कम अगले एक साल की छुट्टी ही ले ले! भैंसों के प्रतिनिधि नेता सत्ता पक्ष यानि बीजेपी नेताओं को जमकर कोसेंगे। कुछ भैंस नेता अरविंद केजरीवाल के पास जाएंगे और उनसे गुहार लगाएंगे कि आप हमारे लिए अनशन करें जिसके बदले में आपके और आपके समर्थकों के घरों में सुबह-शाम बढ़िया नस्ल की भैंसे दूध देने जाएंगी! अगर केजरी चाहें तो योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के घरों में भैंसों के नवजात बच्चे पॉटी करने के लिए भेजे जाएंगे! इसके बाद सबसे अच्छी नस्ल की भैंसे सोनिया जी के दरबार में जाकर राहुल भैया के लिए अपने-आप ही दूध देना शुरु कर देंगी! थोड़ी उम्रदराज और विद्धान भैंसे कुछ दूध देने वाली भैंसों के साथ अन्ना हजारे के पास आंदोलन के लिए नैतिक समर्थन मांगने जाएंगे।केजरीवाल कैसे सियासत का रसगुल्ला बने थे, को ध्यान में रखते हुए चालाक युवा भैंसों ने सुझाव दिया है कि अन्ना हजारे को ही आंदोलन का अगुवा बना दिया जाए। वहीं कुछ भैंसे दूसरे विपक्षी नेताओं के घरों में दूध के लिए जाएंगी! बदले में उनसे अपने आंदोलन को समर्थन के साथ ही गैर बीजेपी राज्यों में भैंसों की हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग करते हुए क़ानून लाने की मांग करेंगी! समर्थन न मिलने पर राहुल सहित सबको दूध बंद। सभी भैंसों ने एक स्वर में लालू यादव से किसी भी प्रकार का समर्थन नहीं लेने का फैसला भी किया है।
हालांकि आज़म ख़ान की भैंसों ने इस तरह के आंदोलन में भागीदारी करने से साफ मना कर दिया क्योंकि उन बावलियों को लगता है कि किसी में इतनी हिम्मत ही नहीं कि कोई उनकी तरफ आंख उठाकर भी देखे यानि वो पूर्ण रूप से सुरक्षित होने का मुगालता पाले हैं! वहीं चलने-फिरने से भी मजबूर और बीमार भैंसे भी मुंबई, जयपुर या दिल्ली नहीं देख पाएंगी जिसका उन्हें खासा मलाल है!
राष्ट्र पति भवन की ओर कब मार्च करेंगी भैंसे ?बढ़िया व्यंग्य विनोद।
जवाब देंहटाएंराष्ट्र पति भवन की ओर कब मार्च करेंगी भैंसे ?बढ़िया व्यंग्य विनोद।
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक और रोचक व्यंग...
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब ... मज़ा आ गया इस हास्य और व्यंग से रची पोस्ट का ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया बढ़िया बहुत ही बढ़िया ...
वाह, बहुत खूब। आपके तरकश से निकला तीर सटीक निशाने पर जा लगा है।
जवाब देंहटाएंबेचारे भैंसों को तो खुद ही सोचना पड़ेगा ..,, फिर भेड़ बकरी और बाद में मुर्गा-मुर्गियों को भी आंदोलन की राह चलना होगा ...रोचक व चिंतनशील व्यंग
जवाब देंहटाएं..
सुना है कि आजकल भैंसें बिहार में आंदोलन करने का मूड बना रही हैं। उनके चारे पर संकट के बादल जो मंडराने लगे हैं।
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