'विज्ञापनों' की लुभावनी दुनिया...
एक बहुत बड़ा भ्रमजाल है .
ग्राहकों को...
फँसाने की सोची समझी चाल है.
'विज्ञापनों' का प्रभाव भी ...
बेमिसाल है .
जिसके आकर्षण से बचना हो मुश्किल...
ये वो मायाजाल है.
लेकिन अगर बच जाएँ तो ये...
अपने आप में एक कमाल है.
हाँ..इन पर यक़ीन करने वालों की...
ज़ेब से अवश्य निकल जाता माल है.
इसीलिए अक्सर मेरे दिमाग़ में...
उठता एक सवाल है.
कि सबकुछ जानते हुए भी...
हम विज्ञापनों के फेर में आ जाते हैं.
और अक्सर बाद में ...
बहुत पछताते हैं.
चलिए आप ही बताएँ...
कि इस बारे में आपका क्या ख़्याल है ?
truly brilliant..
ReplyDeletekeep writing......all the best
सही कहा है ....यदि फेर में न आयें तो कौन विज्ञापन पर इतना खर्च करेगा ?
ReplyDeleteअपना एक शेर पेश करता हूँ आपकी इस रचना के सम्मान में:-
ReplyDeleteअपनी तरफ से भी सदा पड़ताल कीजिये
यूँ ही यकीं करें न किसी इश्तिहार में
aapka aur mera ek hi khyaal h.....
ReplyDeleteaap sahi h.
good work sir
bhut bhut acha likha h apne.. very strong
ReplyDeleteआपने सही कहा कि विग्यापन एक भ्रमजाल है। मॉडल ऐसा करते हैं उनका तो चलो रोजगार है। मगर सचिन जैसे नामी खिलाड़ी भी इस दौड़ में दिखते हैं तो यह भ्रम और बढ़ता है।
ReplyDeleteबिल्कुल दुरुस्त कहा आपने ... विगयापन छलावा है ... भ्रंम जाल बुनते हैं ...
ReplyDeleteअच्छी व्यंग रचना है ...
bahut badhiya1
ReplyDeletetruly said...we are always influenced by adds,blindly ....
ReplyDeleteIt's true that companies fool us through advertisements. But then God has blessed us with intellect to decide before spending money on such unnecessary things.
ReplyDeletenice post .
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बहुत बढ़िया लिखा है आपने! ये बात बिल्कुल सही है कि हम सब विज्ञापन देखकर उस चीज़ को तुरंत खरीदने के बारे में सोचते हैं और अगर उस विज्ञापन में हमारे पसंदीदार खिलाड़ी या फिल्मस्टार रहे तो हम दुबारा कभी नहीं सोचते और ये मानते हैं की सबसे उम्दा चीज़ है !
ReplyDeleteसब बाज़ार की माया है.
ReplyDeleteअखबार टीवी से जुड़े लोगों की रोजी रोटी हैं विज्ञापन
ReplyDeleteकई अच्छी चीजें भी बता जाते हैं विज्ञापन
भ्रम तो हैं ही, पर प्रचार भी जरूरी है
उपभोक्ता खरीदें सब आंखें खोल के
और जानना अपने अधिकार जरूरी है
हम विज्ञापनों के फेर में आ जाते हैं.
ReplyDeleteऔर अक्सर बाद में ...
बहुत पछताते हैं.
ekdum sahi likha hai.
ekdam sahi bayan kiya hai.
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