पत्रकारित (जर्नलिज्म) में करियर कैसे बनाएं (How to make a career in Journalism)? यहां पढ़े पूरी जानकारी..
24/7 घंटे चलने वाले न्यूज़ चैनलों के दौर में बहुत से युवा पत्रकारिता यानी जर्नलिज्म के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना रखते हैं। हालांकि अपने लिए किसी भी करियर के चुनाव से पहले अपनी रुचि और अपनी पसंद के करियर के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। केवल बाहरी चमक-दमक और सुनी-सुनाई बातों में आकर करियर का चुनाव नहीं करना चाहिए बल्कि अपने रूझान और अपनी योग्यता के आधार पर अपने करियर का चुनाव करना चाहिए। इस लेख में आपको पत्रकारिता में करियर बनाने की पूरी जानकारी मिलेगी।
कौन बन सकता है पत्रकार?
अगर आपकी भाषा पर पकड़ है, लिखने और पढ़ने (ख़ासकर अख़बार) का शौक़ है, नई-नई बातें सीखने से घबराते नहीं है, देश-दुनिया के बारे में जानने -समझने का ज़ुनून है, लोगों को हो रही समस्याएं आपको परेशान करती हैं, उन समस्याओं की जड़ में जाने को उत्सुक रहते हो, किसी से सवाल पूछने में घबराते नहीं हो और आपका सबसे ज्यादा रूझान पत्रकारिता में ही है तो यहां आपका स्वागत है। याद रखना कि पत्रकारिता में चुनौती भी है और ज़िम्मेदारी भी। अधिकतर युवा न्यूज़ एंकर या रिपोर्टर बनना चाहते हैं। युवाओं को ध्यान देना होगा कि इस क्षेत्र में वैसे तो करियर की असीम संभावनाएँ हैं लेकिन केवल टीवी न्यूज़ रिपोर्टर या एंकर बनने की इच्छा रखने की बजाय एक संपूर्ण पत्रकार बनने की चाह रखनी चाहिए।
शैक्षिक योग्यता
पत्रकार बनने के लिए कम से कम ग्रेजएट होना चाहिए। साथ ही पत्रकारिता में डिग्री या डिप्लोमा भी हासिल करना चाहिए।
जर्नलिज़्म में डिग्री या डिप्लोमा हासिल करना ज़रूरी!
पत्रकार यानी जर्नलिस्ट बनने के लिए गहरी समझ की ज़रूरत होती है। अपने देश के इतिहास और भूगोल के साथ-साथ यहां के सामाजिक,राजनीतिक और आर्थिक ताने-बाने की बारीक समझ होनी चाहिए। साथ ही देश के संविधान का ज्ञान होना भी बहुत ज़रूरी है। आपकी किसी भाषा पर ज़बरदस्त पकड़ होनी चाहिए। साथ ही उचित ट्रेनिंग की भी आवश्यकता होती है। इसलिए जर्नलिज़्म में करियर बनाने के लिए आपको पत्रकारिता की डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने का प्रयास करना चाहिए। 12 वीं के बाद सीधे बीजेएमसी(बैचलर इन जर्नलिज्म एंड मैस कम्युनिकेशन) या बीएमसी (बैचलर इन मैस कम्युनिकेशन) का कोर्स किया जा सकता है। अगर आपने किसी भी संकाय या स्ट्रीम में ग्रेजुएशन कर लिया है तो किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से पत्रकारिता या जन संचार के फील्ड में एक साल का पीजी डिप्लोमा या दो वर्ष की मास्टर डिग्री हासिल कर सकते हैं।
जर्नलिज़्म में डिग्री या डिप्लोमा कहां से करें?
देशभर में कई विश्वविद्यालय पत्रकारिता में डिग्री और डिप्लोमा स्तर के कोर्स कराते हैं। अपनी सुविधानुसार कोर्स और संस्थान यानी यूनिवर्सिटी कोर्स संचालित कराने वाले कॉलेज का चयन किया जा सकता है। नियमित तौर परअख़बार पढ़कर या इंटरनेट के माध्यम से आप कॉलेज का चुनाव कर सकते हैं। कॉलिज का चुनाव करते वक्त यह अवश्य जान लें कि संबंधित कॉलिज यूजीसी से मान्यताप्राप्त कॉर्स कराता है। प्राइवेट मीडिया संस्थान है तो यह जानना आवश्यक है कि वो संस्थान किससे मान्यताप्राप्त है और कोर्स कराने के बाद इंटर्नशिप व प्लेसमंट में किसी प्रकार मदद देगा। हो सके तो उस प्राइवेट मीडिया संस्थान के भूतपूर्व छात्र-छात्राओं से (कम से कम 8-10) से इस संबंध में बात करें।
इंटर्नशिप
डिग्री या डिप्लोमा के बाद आपको इंटर्नशिप करने का प्रयास करना होगा। इंटर्नशिप में आपको इस क्षेत्र की बारीकियां सीखने के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी हासिल होगा। हालांकि इटर्निशिप इतनी आसानी से हासिल नहीं होती क्योंकि देश में हर जगह तो ऐसे संस्थान नहीं है जहां पर इंटर्निशिप की जा सके। छोटे-छोटे शहरों में रहने वाले पत्रकारिता के छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप के लिए बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। इसके बाद किसी न्यूज़ चैनल या मीडिया संस्थान मे इटर्निशिप के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। हालांकि जिस संस्थान से आप पढ़कर आएं हैं और जिन लोगों ने आपको पढ़ाया है उस संस्थान और उन पढ़ाने वालों से गाइडेंस लिया जा सकता है।
टेक्नीकल ज्ञान
डिजिटल युग में जर्नलिज्म करना थोड़ा आसान हुआ है तो थोड़ा चुनौतीपूर्ण। आसान इसलिए हुआ है कि जल्द से जल्द सही फॉर्मेट में अपनी ख़बर ब्रेक करने में तकनीक यानी टेक्नोलजी आपकी बहुत मदद करती है। चुनौतीपूर्ण इसलिए कि उस तकनीक को आपको सीखना भी पड़ता है। हालांकि सारा काम आपको नहीं करना पड़ता लेकिन आपको आना ज़रूर चाहिए। ग्राफिक्स और वीडियो एडिटिंग का बेसिक ज्ञान तो होना ही चाहिए।
अलग-अलग बीट यानी फील्ड के पत्रकार
यह जानना भी ज़रूरी है कि पत्रकार अपनी रूचि यानी रूझान या दिलचस्पी और योग्यता के आधार पर अपने पसंदीदा विषय या क्षेत्र यानी फील्ड को कवर करते हैं। जर्ललिज़्म की भाषा में इसे 'बीट' कहा जाता है। अगर आप राजनीतिक मुद्दों पर पकड़ रखते हैं और आपका रूझान इसी में है तो आप राजनीतिक बीट कवर करते हैं। किसी को अपराध से जुड़े मामलों पर दिलचस्पी है तो वह क्राइम बीट देखता है।
काम की प्रकृति यानी नेचर के आधार पर आप एंकर, रिपोर्टर, कॉपी राइटर, एडिटर, कैमरापर्सन, वीडियो एडिटर आदि के रूप में काम कर सकते हैं। अपनी रुचि यानी दिलचस्पी और योग्यता के आधार पर एंकर या रिपोर्टर और अन्य पद हासिल कर सकते हैं।
इसी तरह से अगर अख़बार और पत्र-पत्रिकाओं में काम करने वाले पत्रकारों को प्रिंट का पत्रकार और टीवी न्यूज़ चैनलों में काम करने वाले पत्रकारों को इलेक्टॉनिक मीडिया या टीवी पत्रकार के रूप में जाना जाता है। आजकर वेब यानी किसी वेबसाइट से जुड़े पत्रकार को को वेब पत्रकार या जर्नलिस्ट कहा जाता है। पब्लिक रिलेशन के क्षेत्र में भी पत्रकार काम करते हैं। इस तरह से आप प्रिंट पत्रकारिता, इलेक्ट्रॉनिक या टीवी पत्रकारिता, वेब पत्रकारिता यानी ऑनलाइन जर्नलिज्म या पत्रकारिता और पब्लिक रिलेशन के क्षेत्र में करियर बनाते हैं।
डि़जिटल युग में जर्नलिज़्म में संभावनाएँ
आज जर्नलिज़्म में काम करने के अवसर काफी बढ़ चुके हैं। एक जमाना था कि केवल अख़बार, पत्र-पत्रिकाओं में ही करियर बनाया जा सकता था। बहुत सीमित संख्या में रेडियो में अवसर उपलब्ध थे। इसके बाद टीवी पत्रकारिता शुरू हुई तो पत्रकारिता में अवसर भी बढ़े तो इसके लिए क्रेज भी बढ़ा। हालांकि अवसरों की संख्या सीमित ही रही।लेकिन डिजिटल क्रांति पत्रकारों यानी जर्निलिस्टों के लिए सुनहरें दिन लेकर आई है। प्रिंट यानी अख़बार और पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ इलेक्ट्रानिक मीडिया जैसे सभी न्यूज़, एंटरटेनमंट, धार्मिक, अध्यात्मिक और बिज़नस टीवी चैनलों में करियर बनाया जा सकता है। आज के दौर में न्यूज़ वेबसाइटों में करियर के ढरों अवसर सामने आ रहे हैं। रेडियो स्टेशन, कॉर्पोरेट, पीआर और एड एजेंसियों में भी मौक़े हैं।
फ्रीलांसिग
बहुत से पत्रकार फ्रीलांसर के तौर काम करते हैं। अगर आपकी लेखन शैली ज़बरदस्त है तो आपको ढेरों अवसर मिलेंगे। आप अपनी वेबसाइट शुरू कर सकते हैं। अच्छी तरह से स्थापित वेबसाइट पर आप पैसा भी कमा सकते हैंं। दूसरे लोगों को भी रोज़गार दे सकते हैं। शुरूआत में एक ब्लॉग बनाकर अपने विचार रखने शुरु करें। नियमित रूप से लिखेंगे तो बहुत आगे तक जाएँगे। अगर आप लेखन के साथ-साथ वीडियो एडिटिंग और बेसिक ग्राफिक्स का ज्ञान भी रखते हैं तो अपना यूट्यूब चैनल लॉन्च कर सकते हैं।
लेक्चरर
जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री रखने वाले पत्रकारों के लिए अध्यापन यानी टीचिंग के क्षेत्र में भी अवसर हैं। मास्टक डिग्री के साथ-साथ अगर आपने नेट परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाते हैं तो किसी भी कॉलिज में लेक्चरर बनने के योग्य हो जाते हैं। अगर आपकी पहचान और इमेज एक बढ़िया पत्रकार की है तो आप कई संस्थानों में गेस्ट लेक्चरर के रूप में अपनी सेवाएं दे सकते हैं।
पत्रकार की सैलरी यानी वेतनमान
जर्नलिज्म में चुनौतियां
चुनौतियां हर क्षेत्र में होती है। लिहाजा जर्नलिज्म में भी चुनौतियां कम नहीं है। इस फील्ड में भी बहुत सारी समस्याएं हैं। पत्रकार का काम सच को सामने लाना होता है और सच यानी सत्य कड़वा होता है। सच कड़वा होता है इसलिए जिन लोगों का सच सामने आता है उन्हें वो सच हज़म नहीं होता और ऐसे लोग पत्रकारों के दुश्मन बन सकते हैं। तमान तरह के राजनीतिक और सामाजिक दवाब पत्रकारों को झेलने पड़ते हैं। नौकरी को लेकर भी कई तरह दिक्कतें होती हैं। नौकरी आसानी से मिलती नहीं और मिलती है तो उसमें टिके रहने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं। इसमें 10 से 5 बजे की तक नौकरी का सपने रखने वालों के निराशा के अलावा कुछ हाथ नहीं लगेगा।
अगर आपने यह ठान लिया है कि पत्रकारिता में ही करियर बनाना है तो कुछ अच्छे पत्रकारों से भी चर्चा की जा सकती है। ध्यान यह रखना है कि जिस पत्रकार से आप सलाह ले रहे हैं वो अनुभवी होने के साथ-साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय भी हो। आजकल इंस्टाग्राम, फेसबुक और अन्य सोशन मीडिया माध्यमों पर बड़े पत्रकारों से जुड़ सकते हैं। अगर आप अपनी आंख और कान खुले रखते हैं तो आपको अपने मतलब की जानकारी हासिल करने में कठिनाई नहीं होगी।
बहुत उपयोगी लेख |
ReplyDeleteअच्छी जानकारी ...
ReplyDeleteउपयोगी जो इस दिशा में जाना चाहते हैं उनके लिए ...
धन्यवाद सर।
Deleteबहुत बहुत सुन्दर लेख
ReplyDeletebahut sundr
ReplyDeleteधन्यवाद आलोक जी। आगे भी आते रहिएगा।
Deleteआपका यह लेख निश्चय ही बहुत उपयोगी है वीरेन्द्र जी । ऐसी उपयोगी सूचनाएं साझा करने के लिए हार्दिक आभार ।
ReplyDeleteसभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।