1- नोट बैन से होने वाली परेशानी को देखते हुए ही सभी से सहयोग की अपील की गई थी।
मगर कुछ लोगों ने सहयोग तो दूर उल्टे 'असहयोग आंदोलन' छेड़ दिया!
2-भारत में कुछ लोग इसलिए परेशान हैं कि मोदीजी जैसा शख़्स हमारा पीएम हैं वहीं सभी पाकिस्तानी इसलिए परेशान हैं कि हमारा पीएम मोदजी जैसा क्यों नहीं!
3-नोटबंदी को लेकर गालियां और तालियां दोनों ही मिल रही हैं। वैसे मोदी जी की माने तो कुछ लोग आशीर्वाद भी दे रहे हैं!
4-'आज तक' के कार्यक्रम 'ख़बरदार' में काले धन को सफेद बनाने वाले कुछ लोगों को देखकर विश्वास नहीं होता कि शहीदों के इस देश में कैसे-कैसे 'हरामी' पैदा हो गए!
5-जो भी नेता आम लोगों की परेशानी के नाम पर नोटबंदी का तीखा विरोध कर रहे हैं उन पर विश्वास नहीं होता। लेकिन उनकी दाढ़ी में तिनका जरूर नज़र आता है!
6-मुलायम सिंह यादव ने यूपी चुनाव में किसी से भी गठबंधन से इंकार किया है। मतलब प्रशांत किशोर को अपनी नाक बचाने के लिए अब कुछ और उपाय सोचना होगा!
7-केजरीवाल जी ने बड़े नोटों पर हुए फैसले पर भले ही अभी तक कोई Tweet नहीं किया हो लेकिन फैसले का विरोध करने वाले करारे- करारे Tweets को Retweet कर अपनी मंशा तो ज़ाहिर कर ही दी
8-राहुल गांधी गुस्सा हैं कि हज़ार-पांचसों के नोट बंद करते वक्त आम लोगों का ख्याल नहीं रखा गया। वहीं आम आदमी ख़ुश है कि ख़ास लोगों का ध्यान तो रखा गया है!
9-ट्रंप के भाषण को सुनकर कुछ-कुछ ऐसी फील आ रही है कि ये बंदा मोदी जी से कुछ ज्यादा ही प्रभावित है!
10-जो लोग पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप दोनों से नफ़रत करते हैं उनके लिए 9 नवंबर क़यामत से कम नहीं है!
11-ये भी कम दिलचस्प नहीं कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने को लेकर बंदर और मछली की भविष्यवाणी सच हो गई लेकिन इंसानों की ग़लत!\
धन्यवाद।
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