सांकेतिक चित्र |
शाखा पर लगा पत्ता
अपने संगी संग
मस्त रहता है
दिन-रात
हर मौसम में
बिना ग्लानि
बिना असंतोष
सब सहता है
गिरने के भय बिना
हिलता -डुलता है
हवा के वेग से झूमता है
एक ही स्थान पर दृढ़
अपने साहस के
सभी प्रमाण देता है
फिर एक दिन
डाल से अलग होता है
मिट्टी में मिल जाता है
किंतु पहले पूरा जीता है
फिर एक दिन
डाल से अलग होता है
मिट्टी में मिल जाता है
किंतु पहले पूरा जीता है
कहने को पत्ता है
किंतु सही अर्थ में
हमें सिखाता है
अनमोल जीवन
ऐसे जिया जाता है!
ऐस जिया जाता है!
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ऐस जिया जाता है!
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वीरेंद्र सिंह
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आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14.3.2018 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3274 में दिया जाएगा
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद
दिलबाग विर्क जी, आपका आभार। ये जानकर अति प्रसन्नता हुई।
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteअनीता जी धन्यवाद। सादर।
Deleteसुंदर भाव
ReplyDeleteअनीता जी धन्यवाद। सादर।
Deleteजोशी जी धन्यवाद। सादर।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना रविवार 17 मार्च 2019 के लिए साझा की गयी है
ReplyDeleteपांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
जी, आपका धन्यवाद। ये जानकर हर्षित हूं। आभार। सादर।
Deleteबहुत सुंदर सारगर्भित सृजन..👌😊
ReplyDeleteस्वेता जी, बहुमूल्य टिप्पणी के लिए आपका धन्यवाद। सादर।
ReplyDeleteजी, धन्यवाद। जानकर अति प्रसन्नता हुई।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteमीना जी, धन्यवाद। सादर।
Deleteगहरी बात कह दी आपने। नज़र आती हुये पर भी यकीं नहीं आता।
ReplyDeleteसंजय जी धन्यवाद। सादर।
Deleteवाह बहुत सुन्दर विश्लेषण करती रचना।
ReplyDeleteअर्थपूर्ण बात
ReplyDeleteआपका हार्दिक आभार। आगे भी आती रहिएगा।
Deleteसही कहा
ReplyDeleteओंंकार जी धन्यवाद। आगे भी आते रहिएगा।
Deleteबहुत सुन्दर, सार्थक रचना....
ReplyDeleteसुधा जी धन्यवाद। आगे भी आती रहिएगा।
ReplyDeleteजीवन का सार लिए सुंदर रचना ,सादर
ReplyDeleteज्योति सिंह जी आपका धन्यवाद। आगे भी आती रहिएगा।
ReplyDeleteअच्छा है.
ReplyDeleteआपका धन्यवाद। आगे भी आते रहिएगा।
Deleteआपके द्वारा रचित इस उत्कृष्ट रचना पर मैं बहुत विलम्ब से आया वीरेंद्र जी । सच ही हमें पत्ते से जीना सीखना चाहिए । वास्तव में अपनाने योग्य जीवन-दर्शन तो यही है ।
ReplyDeleteसभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।