सरल शब्दों में समझिए आम बजट: 2021-22
वर्तमान दशक का पहला बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 1 फरवरी 2021 को पेश किया। इस बजट से काफी उम्मीदें लगाई जी रहीं थी। तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे जिसकी चर्चा स्वयं पीएम मोदी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में भी की है। कोरोना वैश्विक महामारी के चलते उत्पन्न परिस्थितियों पेश इस बजट पर सबकी निगाहें लगी थी। देश में एक अलिखित परंपरा ये भी है कि सत्ता पक्षा हमेशा अपने बजट की प्रशंसा करता है जबकि विपक्ष बजट की कड़ी आलोचना करता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। पीएम मोदी, उनकी टीम और उनके समर्थकों ने जहां बजट की भूरी-भूरी प्रशंसा की है वहीं विपक्ष ने बजट 2021 की तीखी आलोचना की है। हालांकि शेयर बाज़ार बजट पर जैसा फिदा हो गया है। उद्योग जगत ने बजट का स्वागत किया है। अगर आपको स्वयं निश्चित करना है कि बजट वास्तव में किस तरह का है तो पहले बजट को समझना पड़ेगा। फिर खुद तय करिए कि बजट सही है, महंगाई बढ़ाने वाला है या, विकान्मुख है या दिशाहीन है। हालांकि इस आलेख में केवल बजट के मुख्य प्रस्तावों का ही समावेश किया गया है। कौनसे खास आइटम सस्ते- महंगे होंगे और क्यों, इसकी लिस्ट भी दी गयी है। पीएम मोदी और राहुल गांधी की बजट पर राय दी गयी है। अंत में बजट संबंधी रोचक तथ्यों को दिया गया है।
बजट पेश करने जाते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन |
सरल भाषा में बजट क्या होता है?
निकट भविष्य में एक निश्चित समय सीमा में होने वाली अनुमानित आय और व्यय के आकलन को बजट कहते हैं। जैसे हम अपने घरों में अपनी आमदनी के हिसाब से अपने ख़र्चे तय करते हैं और आवश्यकता व प्राथमिकता के आधार पर तय करते हैं कि हमें कहां और कितना ख़र्च करना है और कहां ख़र्च नहीं करना है या कम ख़र्च करना है। ख़र्च के लिए पैसा कहां से लाएँगे और अपनी आय कैसे बढ़ाएँगे? वैसे ही सरकार भी आगामी वित्त वर्ष में कितना, कैसे और कहां ख़र्च करेगी और उसके लिए पूँजी कैसे जुटाएगी, इसका औपचारिक विवरण हर साल सदन में पेश करती है जिसे बजट कहते हैं। दूसरे शब्दों में, सरकार की योजनाओं व उद्देश्यों पर होने वाले व्यय का आकलन और उसके लिए जुटाई जाने वाली पूंजी के प्रस्तावों का विवरण बजट कहलाता है।
1 फरवरी 2021 को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2021-22 के लिए अपने बजट प्रस्तावों और अनुमानों को सदन में पेश किया। जिसकी मुख्य बातें निम्न प्रकार से हैं।
मुख्य बातें:
1- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार पेपरलैस यानी डिजिटल बजट पेश किया है।
2- 34.83 लाख करोड़ का कुल बजट 2021-22, हेल्थ सेक्टर यानी स्वास्थ्य बजट में 137 फीसद बढ़ोतरी का प्रस्ताव।
3- 75 साल से अधिक उम्र वाले पेंशनभोगियों को पेंशन आय पर आयकर रिटर्न नहीं भरने का प्रस्ताव
4- बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर में FDI या प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करने का प्रस्ताव
5- पेट्रोल- डीजल पर कृषि इंफ्रास्ट्रकचर और डिवेलपमंट चार्ज का प्रस्ताव लेकिन इसका बोझ आम-आदमी पर नहीं
6- टेक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होने के चलते नौकरी-पेशा लोगों के लिए यह निराशाजनक रहा।
7- सोने- चाँंदी सस्ते होंगे! कस्टम ड्यूटी घटाने का प्रस्ताव
8-एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य ( मिनिमम सपोर्ट प्राईस) बढ़ाकर लागत का डेढ़ गुना करने का प्रस्ताव
9- बजट भाषण के दिन सेंसेक्स 2100 अंक उछला। मोदी सरकार के पिछले सभी बजट भाषणों में यह सबसे बड़ी उछाल है।
10- प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की शुरूआत, इसके लिये 64,180 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव
11-2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के वादे पर सरकार कायम
12- टेक्स ऑडिट की सीमा 5 करोड़ की बजाय 10 करोड़ करने का प्रस्ताव
13- विनिवेश प्रक्रिया 2022 तक पूरी होगी।
14- रेलवे को 1.10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन का प्रस्ताव
15- बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान
16- कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ का आवंटन
17- कृषि बजट में 1.5 लाख करोड़ की वृद्धि का प्रस्ताव
18- उज्जवला योजना का लाभ 1 करोड़ लाभार्थियों तक पहुँचाये जाने का प्रस्ताव
19- स्वच्छ भारत मिशन पर 1.41 लाख करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव
20- देशभर में 100 नए सैनिक स्कूल, 15000 हजार आदर्श स्कूल, 758 आदिवासी क्षेत्रों में खोले जाएंगे।
21- निर्माण क्षेत्र में 1.97 लाख करोड़ प्रस्तावित
22- एक देश, एक राशन कार्ड योजना पूरे देश में लागू की जाएगी।
23- जल जीवन मिशन के लिए 2.87 लाख करोड़ का प्रस्ताव
24- वायु प्रदूषण रोकने के लिए 2217 करोड़ रुपये प्रस्तावित
25- अर्बन क्लीन इंडिया मिशन के लिए 1.41 लाख करोड़ प्रस्तावित
26- रक्षा बजट 4.71 लाख करोड़ से बढ़कर 4.78 लाख करोड़ करना प्रस्तावित
27- भारत माला परियोजना के तहत 8500 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण का ठेका 2022 तक
28- सस्ती यानी किफायती आवास योजना में ब्याज छूट की सीमा मार्च 2022 का बढ़ाने का प्रस्ताव
29- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और वित्तीय संस्थानों में विनिवेश से 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य
इसके अलावा कुछ और प्रस्ताव भी हैं।
बजट के बाद महंगे होने वाले कुछ मुख्य आइटम:-
1- मोबाइल के पुर्जे, लिथियम आयन बैटरी, चार्जर पर आयात शुल्क में छूट हटाना प्रस्तावित
2- चमड़ा- सीमा शुल्क लगया जाना प्रस्तावित
3- खाद पर 5 फीसदी कृषि सेस लगाया गया
4- कपास पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जाना प्रस्तावित
5- शराब पर कृषि बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगा
6- सोयबीन और सुरजमुखी के तेल पर कृषि अवसरंचना उपकर प्रस्तावित
7- काबुली चना, मसूर की दाल पर भी कृषि सेस प्रस्तावित
8- सेब पर 35 फीसदी कृषि सेस प्रस्तावित
9- खाद पर कृषि सेस प्रस्तावित
10- चमड़े पर सीमा शुल्क बढ़ाया जाना प्रस्तावित
11- ऑटो पार्ट्स - कुछ ऑटो पार्ट्स पर सीमा शुल्क बढ़ाया जाना प्रस्तावित
12- सोलर इन्वर्टर पर सीमा शुल्क बढ़ाया जाना प्रस्तावित
13- सभी तरह के तार केवल पर आयात शुल्क बढ़ाया जाना प्रस्तावित
14- लैड बल्ब पर आयात शुल्क 5 की बजाय 10 फीसदी प्रस्तावित
15- इलैक्ट्रॉनिक खिलौनों पर आया शुल्क बढ़ाया जाना प्रस्तावित
16- पेट्रोल-डीजल पर भी कृषि सेस लगा है लेकिन सरकार का कहना है कि कीमतों पर असर नहीं होगा।
17- रेफ्रीजरेटर और एसी में प्रयुक्त कंप्रेसर पर कस्टम ड्यूटी में 2-5 फीसदी की बढ़ोतरी प्रस्तावित
सस्ते होने वाले कुछ आइटम और सेवा:-
1- सोना - चाँदी -आयात शुल्क, 12.5 फीसदी की बजाय 5 फीसदी प्रस्तावित
2- नायलॉन का धागा - उत्पाद शुल्क 7.5 फीसदी से 5 फीसदी प्रस्तावित
3- कॉपर - कस्टम ड्यूटी कम किया जाना प्रस्तावित
4- स्टील उत्पाद( कुछ स्टील उत्पादों से कस्टम ड्यूटी हटाना प्रस्तावित
5- बीमा- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बड़ाना प्रस्तावित
6- बिजली- बिजली वितरण कंपनियों को मिली तीन लाख करोड़ की राहत प्रस्तावित
7- लोहा - कस्टम ड्यूटी कम करने का प्रस्ताव
इनके अलावा कुछ और वस्तुएं भी सस्ती होने का अनुमान है।
बजट पर प्रमुख लोगों की प्रतिक्रयाएँ..
पीएम मोदी, उनके मंत्रियों और समर्थकों ने जहां इस बजट पर अपनी पीठ थपथपाई है तो विपक्षी नेताओं ने बजट2021 की कड़ी आलोचना की है।
पीएम मोदी- पीएम मोदी ने बजट-2021 को भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला व दुनिया में नया आत्मविश्वास भरने वाला कहा है। यह प्रोएक्टिव बजट है। इस बजट से ग्रोथ के नए अवसरों, संभावनाओं और युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण होगा। बजट इज ऑफ लिविंग का बढ़ाएगा। बजट में आत्मनिर्भरता का विजन और हर वर्ग का समावेश है। इंफ्रास्ट्रक्चर में सकारात्मक बदलाव लाने वाला बजट है। जॉब क्रिएशन में लाभ मिलेगा। किसान की आय बढ़ेगी। एपीएमसी मंडियों को ओर सशक्त करने के प्रावाधान किए गए हैं जो दिखाते हैं कि इस बजट के दिल में गांव हैं, हमारे किसान हैं। यह बजट देश के आलराउंड विकास की बात करता है।
(बजट के बाद प्रधानमंत्री ने फेसबुक पर अपने बजट पर संबोधन को #AatmanirbharBharatKaBudget. के साथ लाइव किया। यानी पीएम मोदी ने बजट को आत्मनिर्भर भारत का बजट माना है ।)
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में भी लिखा, " ये बजट किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए है।यह हमारे मेहनतकश अन्दाताओं की आय दोगुना करने में मदद करेग और कृषि क्षेत्र को भविष्योन्मुखी तकनीक से मजबूती देगा। क्रेडिड उपलब्धता सुधरेगी। एपीएमसी मंडिया मजबूत होगी।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा: -
लोगों के हाथों में रकम देने की बात तो भूल ही जाइये, मोदी सरकार की योजना, भारत की संपत्ति को अपने क़रीबी पूंजीपति दोस्तों के हाथों में देने की है।
राहुल गांधी का ट्वीट-
राहुल गांधी की बजट पर प्रतिक्रया |
राहुल गांधी का रक्षा बजट नहीं बढ़ाने पर सवाल |
सरकार और विपक्ष के तर्क को एक तरफ कर बजट पर त्वरित टिप्पणी
बजट के बारे में रोजक तथ्य/बातें
बजट शब्द, फ्रेंच भाषा के शब्द बाउगेट( BOUGETTE) से आया है। बाउगेट भी लैटिन के शब्द बुल्गा से बना था जिसका अर्थ होता है चमड़े की थैली या पर्स। अंग्रेज़ी में बाउगेट, बजट बन गया। भारत में पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी ने 7 अप्रैल जेम्स विल्सन ने 1860 को पेश किया था। स्वतंत्र भारत में पहला बजट, आर.के.षणमुखम चेट्टी ने 26 नंवबर 1947 को पेश किया था। साल 1955 तक बजट अंग्रेज़ी भाषा में पेश होता था। बाद में हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में पेश होने लगा। पूर्व पीएम मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा बार बजट पेश किया है। अपने जन्मदिन(29 फरवरी) पर दो बार बजट पेश करने वाले वो इकलौते शख्स रहे। साल 2000 तक बजट शाम 5 बजे पेश होता था। तत्कालील पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 2001 से समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया। 2017 तक रेल बजट, बजट का हिस्सा नहीं था। यह अलग से पेश होता था। 2017 से ही बजट फरवरी के आखिरी दिन की बजाय 1 फरवरी को पेश होने लगा। पीएम इंदिरा गाँधी(1970) के बाद निर्मला सीतारमन देश की दूसरी ऐसी महिला हैं जिन्होंने बजट पेश किया है। हालांकि निर्मला सीतारमन पहली पूर्णकालिक वित्तमंत्री बनीं जिन्होंने बजट पेश किया।
इस आलेख में दर्शाए गए आंकड़ों का उल्लेख करते समय पूरी सावधानी बरती गई है। यदि फिर भी कोई त्रुटि पायी जाती है तो उसे मानवीय भूल ही माना जाए। उसके लिए लेखक ज़िम्मेदार नहीं होगा। धन्यवाद।
- वीरेंद्र सिंह
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteआपका बहुत-बहुत आभार शिवम जी। सादर।
Deleteआपका बहुत-बहुत धन्यवाद। पाँच लिंकों के आनन्द में पोस्ट को स्थान देने के लिए आपका आभाऱ।
ReplyDeleteआपने सभी संबंधित तथ्यों को समेकित रूप से एक साथ प्रस्तुत करके अत्यंत उपयोगी पोस्ट प्रस्तुत की है वीरेन्द्र जी । बहुत-बहुत आभार आपका तथा अभिनंदन आपके इस प्रयास का ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद जितेन्द्र जी।
Deleteबजट के बारे में समुचित एवं ज्ञानवर्धक जानकारी देने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया वीरेन्द्र जी, सादर अभिवादन..
ReplyDeleteबहुत- बहुत धन्यवाद आपका।
Deleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteमनोज बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Deleteसभी संबंधित तथ्यों को एक साथ प्रस्तुत करके उपयोगी लेख तैयार किया है आपने । प्रभावी पोस्ट ।
ReplyDeleteआपका बहुत-बहुत धन्यवाद मीना जी।
Deleteउपयोगी जानकारी लिए शानदार पोस्ट।
ReplyDeleteउपयोगी, ज्ञानवर्धक।
कुसुम जी आपका हार्दिक धन्यवाद।
Deleteसभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।