अगर आप से पूछा जाए कि आप क्या बनना चाहेंगे? एक कामयाब डॉक्टर, इंजीनियर, एथलीट, नोबल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक या एक करोड़पति ? आपमें से अधिकतर का जवाब करोड़पति बनना होगा। क्यों? क्योंकि यही आज की सच्चाई है। अगर करोड़पति न भी बनना चाहें तो धनवान बनने का सपना तो हर इंसान देखता ही है। हम अगर किसी फील्ड या क्षेत्र में कामयाबी हासिल करना चाहते हैं तो उसके मूल में भी धनवान बनने की हमारी इच्छा छिपी होती है। हम सारी उम्र पैसों के पीछे ही तो भागते हैं। आम आदमी सुबह से लेकर शाम तक चार पैसों के जुगाड़ में ज़िंदगी गुज़ार देता है। अगर इंसान ईमानदारी से धनवान बनने का प्रयास करता है तो इसमें कोई बुराई भी नहीं है। सब जानते हैं कि दुनिया में धन सबकुछ भले ही न हो लेकिन बहुत कुछ है।
अगर आप अख़बार पढ़ने के शौक़ीन हैं तो यह बात अच्छे से जानते होंगे दुनिया में हर साल लाखों लोग करोड़पति बन जाते हैं। इनमें ऐसे करोड़पतियों की संख्या अधिक होती है जिन्होंने कोई बिजनिस शुरू किया था और देखते ही देखते लखपति और करोड़पति बन गए। तो क्या नौकरी करने वाले करोड़पति नहीं बनते? बनते हैं लेकिन बहुत कम। फिर करोड़पति बनाने वाली नौकरियां इतनी आसानी से मिलती भी तो नहीं! इसके विपरीत लगभग हर बिजनिस या व्यापार में करोड़पति बनने की अपार संभावनाएं होती हैं।
आपमें से कई लोग तर्क करना चाहेंगे कि भैये बिजनिस करना क्या इतना आसान है? आपके तर्क में दम है। सच्चाई यह है कि बिजनिस करना भी आसान नहीं है। तो फिर क्या करें? तैयारी करें! हम जब चीज़ पाना चाहते हैं तो उसकी तैयारी करनी चाहिए। अगर बिजनिस करना है तो उसकी तैयारी करें। सफ़ल व्यापारियों , कारोबारियों के गुणों का अध्ययन करिए। उन्हें अपने जीवन में आत्मसात करिए। सफ़लता आपके कदम चूमेगी।
सफ़ल बिजनिस मालिकों के कुछ ज़रूरी गुण
1- धनवान बनने की त्रीव इच्छा
बिन मांगे सब कुछ मिल जाने का इत्तेफाक कभी-कभार और बहुत कम लोगों के साथ होता है। कम से कम बिन मांगे या इच्छा किए करोड़पति या धनवान बनना नामुमकिन नहीं तो मुश्किल जरूर है। त्रीव इच्छा वह ईंधन होता है जो मुश्किल परिस्थितियों में भी इंसान को डटे रहने के लिए प्रेरित करता है। आप किसी भी खिलाड़ी को देख लें। टीम में सिलेक्ट होने के लिए वो एड़ी-चोटी को ज़ोर लगा देते हैं। खेल के लिए अपनी त्रीव इच्छा को लगातार व्यक्त करते हैं। दुनिया को पता चल जाता है फलां खिलाड़ी देश के लिए कुछ कर गुजरने के लिए बेताव है। देर-सवेर उस खिलाड़ी को मौक़ा मिल ही जाता है। याद रखिए हम जीतते तभी है जब जीतने की लालसा बेहद त्रीव हो।
2- अपनी क्षमता और रुचि का सही मूल्यांकन
कोई भी काम करने से पहले इंसान को अपनी क्षमता और रुचि यानी दिलचस्पी का सही मूल्यांकन कर लेना चाहिए। अमिताभ बच्चन एंक्टिग के शंहशाह हैं तो इसलिए क्योंकि वो उस काम को करते हैं जिसमें उनकी रुचि है। उनकी क्षमता है। अगर अमिताभ बच्चन किसी दूसरे क्षेत्र में गए होते तो शायद उन्हें इतनी सफ़लता नहीं मिलती! विराट कोहली एक सफ़ल क्रिकेटर हैं। ऐसा इसलिए कि उन्होंने वो करियर चुना है जिसमें उनकी रुचि है। वो पर्याप्त रूप से क्षमतावान भी हैं। इंसान को वही बिजनेस करना चाहिए जो उसकी रुचि और क्षमता के अनुरूप हो। मान लीजिए आपको पढ़ाने का शौक है और योग्य भी हैं लेकिन टीचर नहीं बन तो कोई बात नहीं। आज के डिजिटल युग में आप आसानी से ऑनलाइन पढ़ा सकते हैं। इसी काम को बड़े स्तर पर भी कर सकते हैं।
3- कॉमन सेंस
कॉमन सेंस बड़ा कॉमन होता है लेकिन दुर्भाग्य से सभी में नहीं मिलता! सच यह भी है कि सफ़ल व्यक्तियों में कॉमन सेंस की कमी नहीं होती है। इस बात से कोई भी इंकार नहीं करेगा कि कॉमन सेंस सफ़लता के लिए आवश्यक गुण है। कॉमन सेंस की जड़ में इंसान का ज्ञान होता है। उसका अनुभव होता है। कॉमन सेंस इंसान को जटिल चुनौतियों से पार पाने में मदद करता है। उतार-चढ़ाव के दौरान सही फैसले लेने के लिए प्रेरित करता है। व्यक्ति को उसकी मंज़िल से भटकने नहीं देता।
4- आत्मविश्वास
कामयाबी की अहम शर्तों में आत्मविश्वास भी एक शर्त है। आत्मविश्वास के बगैर करोड़पति बनना तो दूर की बात है, लखपति बने रहना भी मुश्किल है। अपनी क्षमता में विश्वास हो तो कोई भी मंजिल आसानी से पाई जा सकती है। सचिन तेदुंलकर को अपनी क्षमता में यकीन था। उन्होंने सफलता की ऐसी गाथा लिखी कि लोग आज भी उनके खेल की प्रशंसा करते हैं। वीरेंद्र सहवाग के खेलने के तरीकों से तमाम क्रिकेट विशेषज्ञ सहमत नहीं थे। लेकिन सहवाग को अपने खेलने के स्टाइल पर पूरा भरोसा था। अपने उसी भरोसे के दम पर उन्होंने शानदार कामयाबी हासिल की।
5- रचनात्मकता
घबराइये मत! रचनात्मक होने से मतलब बस इतना है कि आपके पास कुछ हटकर सोचने-करने की काबिलियत हो। कामयाबी की राह में यह बहुत काम का गुण है। मैं जहां रहता हूं उस बाजार में एक व्यक्ति ने अपना डेयरी का कारोबार शुरू किया। आसपास कुछ और लोग भी दूध-घी बेचने का काम करते हैं। ऐसे में उस व्यक्ति ने अपने कारोबार के प्रचार के लिए एक तरीका यह निकाला कि जो कोई भी उसके यहां से एक लीटर दूध लेगा उसे एक बिस्किट का पैकेट मुफ्त मिलेगा। एक किलो पनीर के साथ 250 ग्राम हरी मटर मुफ्त मिलेगी। एक किलो घी के साथ एक लीटर दूध मुफ़्त मिलेगा। उसकी ऐसी आक्रामक रणनीति ने दूसरे डेयरी मालिकों की नींद उड़ा दी। उसकी रणनीति उसके लिए बेहद कारगर साबित हुई। सप्ताह भर के भीतर उसकी दुकान पर ग्राहकों की भीड़ जमा होने लगी।
और अंत में..
हम आज जो भी हैं उसके लिए केवल हम ज़िम्मेदार होते हैं। कुछ मामलों में अपवाद हो सकता है। हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि हमारा आज, हमारे अतीत के कर्मों का परिणाम यानी रिज़ल्ट है। कामयाब शख्स इस बात को अच्छी तरह जानता है इसलिए वो ज़िम्मेदारी लेने से कभी पीछे नहीं हटता। यह गुण हर किसी में नहीं होता। अक्सर हम अपनी असफलताओं का ठीकरा दूसरों पर फोड़ते हैं। कभी-कभी यह सच भी होता है कि अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों कि वजह से कोई सफ़ल न हुआ हो। लेकिन हम अपने हिस्से की ग़लती को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। आदर्श स्थिति यह होती है कि सफ़लता के लिए सभी को श्रेय दें लेकिन असफलता या नाकामयाबी की जिम्मेदारी के लिए तत्परता से आगे आना चाहिए।
- वीरेंद्र सिंह
-----------
सुन्दर सृजन ।
ReplyDeleteधन्यवाद मीना जी। सादर।
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteधन्यवाद ज्योति जी। सादर।
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 23 दिसंबर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteपम्मी जी..आपका हृदय से आभार। सादर।
Deleteसुंदर सृजन ।
ReplyDeleteसादर।
धन्यवाद सधु चंद्र जी। सादर।
Deleteसार्थक एवं प्रभावी लेखन ।
ReplyDeleteधन्यवाद अमृता जी। आगे भी आती रहिएगा।
Deleteसुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteधन्यवाद सु-मन जी। आगे भी आती रहिएगा।
Deleteसभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।